श्री शिवाय नमस्तुभ्यम,यह भजन महाराज जी अपनी प्रत्येक भागवत कथा में गाते हैं जो कि हमारे समस्त दुखों को समाप्त करने के लिए गाया गया है और इस भजन के माध्यम से पंडित प्रदीप जी मिश्रा ने यह बाटने का प्रयास किया है कि जो भी भक्त शिवजी की भक्ति को सच्चे मन से करेगा उसका दुख जरूर कटेगा।
भोला सब दुख काटो मारा भजन लिरिक्स
भोला सब दुख काटो मारा
शिव शंकर जपूं मैं तेरी माला
भोला सब दुख काटो मारा
विष है मंगल मंगलकरी
अवधूत रूप तुम्हारा
भोला सब दुख काटो मारा
ओ बोला सब दुख काटो मारा
शिव शंकर जपूं में तेरी माला
भोले बाबा जपूं मैं तेरी माला
शीश पर गंगा मस्तक पर चंदा
शमशान वासी हमारा
भोला सब दुख काटो मारा
ओ भोला सब दुख काटो मारा
Bola Sab Dukh Kato Mara Bhajan Lyrics
Bhola sab dukh kato mara
Shiv Shankar japun main Teri mala
Bhola sab dukh kato mara
vish hai Mangal mangalkari
avdhut roop tumhara
Bhola sab dukh kato mara
O Bhola sab dukh kato mara
Shiv Shankar japun main Teri mala
Bhole baba japun main Teri mala
shish pe Ganga mastak pe Chanda
shamshan vasi hamara
Bhola sab dukh kato mara
O Bhola sab dukh kato mara