World Leprosy Day 2022 : कुष्ठ रोग निवारण दिवस कब मनाया जाता है

कुष्ठ रोग हर साल 30 जनवरी को या जनवरी माह के आखिरी रविवार को मनाया जाता है।विश्व कुष्ठ रोग मनाने की शुरुआत सन 1954 से महात्मा गांधी के पुण्यतिथि वाले दिन से हुई थी।


World Leprosy Day


अंतरराष्ट्रीय कुष्ठ रोग रोकथाम दिवस कब मनाया जाता है ?

संपूर्ण विश्व में प्रतिवर्ष 30 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय कुष्ठ रोग रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाना है ।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के प्रयासों की वजह से ही हर वर्ष 30 जनवरी उनकी पुण्यतिथि को कुष्ठ रोग निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कुष्ठ रोग किसे कहते हैं ?

कोढ़ को ही कुष्ठरोग कहा जाता है जो कि एक जीवाणु रोग है ।यह एक दीर्घकालिक रहित रोग है जोकि माइकोबैक्टीरिया लेप्राई और माइकोबैक्टीरियल लेप्रोमैटस इस जैसे जीवाणु की वजह से होता है।

कुष्ठ रोग के रोगाणु की खोज 1873 में हैनसेन ने की थी । इसलिए कुष्ठ रोग को हैनसेन रोगभी कहा जाता है। यह रोग मुख्य रूप से मानव त्वचा ऊपरी शोषण पथ की श्लेष्मिका परिधीय तंत्रिका आंखों और शरीर के कुछ अन्य भागों को प्रभावित करता है ।यह रोग रोगी के शरीर में इतनी धीमे-धीमे फैलता है ।जोकि रोगी को कई वर्षों तक भी पता नहीं चलता और यह रोग रोगी के शरीर में पनपता रहता है ।यह रोग शरीर को लंबे समय तक हवा में खुली धूप ना मिलना लंबे समय से गंदा वह दूषित पानी पीते रहना अधिक मात्रा में मीठी चीजों का सेवन करते रहना और नशे का बहुत अधिक सेवन करना आदि कारण हो सकते हैं।

कुष्ठ रोग के लक्षण 

कुष्ठ रोग में रोगी के शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आते हैं जैसे -

• घावों मैं हमेशा मवाद का बहना।

• घाव का ठीक ना हो पाना।

• खून का घाव पर से निकलते रहना।

इस तरह की घाव के होने व उनके ठीक न होने के कारण रोगी के अंग धीरे-धीरे गलने लगते हैं। और चलकर गिरने लगती हैं जिससे रोगी धीरे-धीरे अपाहिज होने लगता है।

कुष्ठ रोग का उपचार

अगर आप कुछ रोग से ग्रसित है जो अपने पास के डॉक्टर से संपर्क करें ।कुष्ठ रोग के निवारण के लिए अधिकतर सभी जानकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा भी उपलब्ध कराई जाती है।

राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम

राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम सन 1955 में सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है ।इस कार्यक्रम को विश्व बैंक की सहायता से 1993 से 1994 से बढ़ाकर 2003 दो हजार तक कर दिया गया और इसका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य से 2005 तक कुष्ठ उन्मूलन था और इस 11000 की संख्या को कम करना था एन एल को राज्य जिला स्तर पर विकेंद्रीकृत किया गया। और कुष्ठ रोग सेवा को 2001 - 2002 के बाद सामान्य देखभाल प्रणाली के साथ एकीकृत किया गया । 

कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के कलंक और भेदभाव को कम करने में मदद मिली मल्टी ड्रग थेरेपी सभी उपकेंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरकारी अस्पतालों में सभी कार्य दिवसों पर निशुल्क प्रदान की जा रही है राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत के बाद कार्यक्रम भी मिशन का अनिवार्य हिस्सा रहा है।

राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के उद्देश्य

• कुष्ठ रोग को प्राथमिक अवस्था में पहचान कर शीघ्र पूर्ण उपचार करना।

• संक्रामक रोगियों को शीघ्र उपचार कर संक्रमण की रोकथाम करना।

• नियमित उपचार द्वारा विकलांगता से बचाव करना।

• विकृतियों का उपचार कर रोगियों को समाज का उपयोग भी सदस्य बनाना।

•  स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा समाज में इस रोग के संबंध में फैली गलत अवधारणाओं को दूर करना।

FAQ Frenquali Asked Questions

Q विश्व कुष्ठ रोग दिवस कब मनाया था?

Ans 1954 में 30 जनवरी को पहला विश्व कुष्ठ दिवस मनाया गया था। फ्रांस के राउल फोलेरो ने विश्व कुष्ठ दिवस की शुरूआत की, जिसे हर साल जनवरी के पहले रविवार को मनाया जाता है, ताकि इस बीमारी के बारे में लोगों तक जागरूकता फैलाई जा सके। विश्व में हर साल 200,000 लोग कुष्ठ रोग से पीड़ित होते हैं।

Q भारत में कुष्ठ रोग दिवस कब मनाया जाता है ?

Ans भारत में, विश्व कुष्ठ दिवस हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व कुष्ठ दिवस 2022 की थीम "यूनाइटेड फॉर डिग्निटी (United for Dignity)" है।

Q कुष्ठ रोग क्या है हिन्दी में?

Ans कुष्ठ रोग या कोढ़ एक क्रोनिक बीमारी या संक्रमण है जो कि जीवाणु माइकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण से होता है। 

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Hi Guys i'm Santosh Vishwakarma ! This is one of the best blog for free Tips and Tricks tutorials about "Shiv Bhajans" which can be very very helpful for your daily life.

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