राजिम भक्तिन माता जयंती 7 जनवरी को राजिम भक्तिन माता की याद में मनायी जाती है।छत्तीसगढ़ राज्य का राजिम क्षेत्र राजिम माता के त्याग की गाथा से सराबोर है, भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद इस क्षेत्र को मिलता है। राजिम भक्तिन माता जयंती विशेष रूप से छत्तीसगढ़ राज्य में मनायी जाती है।
राजिम भक्तिन माता जयंती। Raajim Bhaktin Mata Jayanti
राजिम नाम की एक महिला की जो जाति की तेली थी। वह प्रतिदिन बेचा करती थी ।1 दिन बाद तेल बेचने जा रही थी कि रास्ते में एक पत्थर से उसे ठोकर लग गई पर पत्थर की ठोकर लगने से वह गिर पड़ी और सारा तेल बह गया वह रोने लगी कहीं पति व सासूजी दंड ना दे हे भगवान मैं क्या करूं आज तो घर में मेरे पति बहुत मारेंगे सासूजी ताना देंगे इस प्रकार से जो राजिम है वह रो रही थी विलाप कर रही थी हे भगवान मैं क्या करूं हे भगवान मैं क्या करूं।
इस प्रकार फिर भगवान की कृपा से जो उनके खाली पात्र हैं उसमें तेल भर गया जो तेल गिर गया था फिर राजिम उसको देखती है तो उस पात्र में तेल भर गया था फिर राजिम बहुत खुशी हुई उनकी खुशी का ठिकाना नहीं थी राजीव तेल बेचने चली जाती है ।दिन भर घूम घूम कर तेल बेचती रही लेकिन तेल एक भी कम नहीं होता था घर में सास को घटना को बतलाई की ऐसी ऐसी बात है
सास व पति आश्चर्यचकित थे कि राजिम रोज तेल बेचने जाती हैं और तेल को बेच करके आती है इधर तेल भी एक बूंद कम होता होता ही नहीं था आखिर बात क्या है और धीरे-धीरे वे लोग अमीर हो गए ।
1 दिन राजिम सोच रही थी कि जिस पत्थर से ठोकर मिलीऔरवह गिरी उसी दिन से किस्मत बदल गई कहीं उस पत्थर के नीचे कुछ है तो नहीं फिर पति को इस बारे में बताया कि उनके पति ने उस स्थान की खुदाई की तो भगवान विष्णु की मूर्ति मिली तो फिर उस मूर्ति को घर को घर ले जाकर के वे लोग पूजा करने लगे इसी समय राजा जगतपाल को मंदिर बनाने का आदेश हुआ तो उन्होंने मंदिर बनवाया और इसी को स्थापना कर दी वहां पत्थर के नीचे खेतलाजी में प्राथमिकी से ही राजिम लोचन मंदिर कहा जाता है जो राजी मे है है जहां पर मांगी पूर्णिमा को मेला लगता है राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है ।
राजिम माता की आरती
जय राजिम माता
मैया जय राजिम माता
हम हैं वंश तुम्हारे
हम हैं लाल तुम्हारे
भव पार करो माता
मैया जय राजिम माता
कठिन तपस्या की माता ने , तब लोचन पायो
शीला के बदले सोना देने
जगतपाल आयो
मैया जय राजिम माता
हीरा जवाहर देखकर माता
मन नहीं ललचायो
तुलसी के बार में 3 लोक के
तुलसी के बार में 3 लोक के
मालिक तोलायो
राजिम लोचन नाम अमर है
जगत कीर्ति गायो
जनकल्याण के खातिर ,
राजा मंदिर बनवायो
भक्ति देव के महाप्रभु
दिए राजिम को वरदान
मेरे नाम के आगे लेंगे ,
लोगन तेरे नाम
राजिम लोचन संकट मोचन ,
जो मन से गावे
संकट मिटे दरिद्री भागे,
सुख संपत्ति पावे
राजिम माता की आरती,
जो मन से गावे
पाई हरीभद्र प्रीति जगत में,
बहुरी नहीं आए
जय राजिम माता
मैया जय राजिम माता
तीन लोक के स्वामी को मां
धानी में बैठाता
जय राजिम माता
मैया जय राजिम माता
तीन लोक के स्वामी को मां,
धानी में बैठाता
FAQ Frenquali Asked Questions
Q .1 राजिम को छत्तीसगढ़ का क्या कहा जाता है ?
Ans - राजिम छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ है। इसे छत्तीसगढ़ का "प्रयाग "भी कहते हैं।
Q .2 राजिम का प्राचीन नाम क्या है ?
Ans - राजिम का प्राचीन नाम कामक्षेत्र है।
Q .3 राजिम मेला कब मनाया जाता है?
Ans - राजिम कुंभ का मेला प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से शिवरात्रि तक चलता है ।इस दौरान प्रशासन द्वारा विविध सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन आदि होते रहते हैं।
Q.4 महा नदी की कुल लंबाई कितनी है ?
Ans - महा नदी की कुल लंबाई 900 किलोमीटर है ।
Q .5 राजिम किस जिले में है ?
Ans - राजिम राजिम भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले में स्थित एक नगर पंचायत है राज्य महानदी के तट पर स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ है इसे छत्तीसगढ़ का "प्रयाग" भी कहते हैं।